आँवला एक ऐसा आयुर्वेदिक फल है जो कई शारीरिक समस्याओं के घरेलू उपचार के तौर पर इस्तेमाल में लाया जाता है।आयुर्वेद में आंवले को कुदरत का वरदान माना गया है. इसका वनस्पति नाम एम्बलोका ऑफिजिनालिस या फ़िलेंथस इम्ब्लिका है। यह एशिया के अलावा यूरोप और अफ्रीका में भी पाया जाता है। हिमालयी क्षेत्र और प्राद्वीपीय भारत में आंवला के पौधे बहुतायत मिलते हैं।
संस्कृत में इसे अमृता, अमृतफल, आमलकी, पंचरसा इत्यादि, अंग्रेजी में ‘एँब्लिक माइरीबालन’ या इण्डियन गूजबेरी (Indian gooseberry) तथा लैटिन में ‘फ़िलैंथस एँबेलिका’ (Phyllanthus emblica) कहते हैं। आंवले का पेड़ पूरे भारत में जंगलों तथा बाग-बगीचों में होता है। यह करीब २० फीट से २५ फुट तक लंबा झारीय पौधा होता है। इसके पत्ते इमली के पत्तों जैसे, किंतु कुछ बड़े तथा फूल पीले रंग के छोटे-छोटे होते हैं। वाराणसी का आँवला सब से अच्छा माना जाता है।
आँवला स्वाद में खट्टा होता है। आयुर्वेद में इसके अत्यधिक स्वास्थ्यवर्धक माना गया है। आंवला विटामिन-C, कैल्शियम, एंटीऑक्सीडेंट्स, आयरन, पोटैशियम जैसे तमाम पोषक तत्वों का खजाना है. आँवला विटामिन ‘सी’ का सर्वोत्तम और प्राकृतिक स्रोत है। इसमें विद्यमान विटामिन ‘C’ नष्ट नहीं होता। विटामिन C ऐसा नाजुक तत्व होता है जो गर्मी के प्रभाव से नष्ट हो जाता है, लेकिन आँवले में विद्यमान विटामिन C कभी नष्ट नहीं होता।
हिन्दू मान्यता में आँवले के फल के साथ आँवले का पेड़ पूजनीय है| ऐसा माना जाता है कि आँवले का फल भगवान विष्णु को बहुत प्रिय है इसीलिए अगर आँवले के पेड़ के नीचे भोजन पका कर खाया जाये तो सारे रोग दूर हो जाते हैं
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आँवला दाह, खाँसी, श्वास रोग, कब्ज, पाण्डु, रक्तपित्त, अरुचि, त्रिदोष, दमा, क्षय, छाती के रोग, हृदय रोग, मूत्र विकार आदि अनेक रोगों को नष्ट करने की शक्ति रखता है। चर्बी घटाकर मोटापा दूर करता है। बालो को काले, लम्बे व घने रखता है। दाँत-मसूड़ों की खराबी दूर होना, कब्ज, रक्त विकार, चर्म रोग, पाचन शक्ति में खराबी, नेत्र ज्योति बढ़ना, बाल मजबूत होना, सिर दर्द दूर होना, चक्कर, नकसीर, रक्ताल्पता, बल-वीर्य में कमी, बेवक्त बुढ़ापे के लक्षण प्रकट होना, यकृत की कमजोरी व खराबी, स्वप्नदोष, धातु विकार, हृदय विकार, फेफड़ों की खराबी, श्वास रोग, क्षय, दौर्बल्य, पेट कृमि, उदर विकार, मूत्र विकार आदि अनेक व्याधियों को दूर करने के लिए आँवला बहुत उपयोगी है।
आँवला के फायदे :-
- सभी को लम्बे काले और घने बाल पसंद होते है। आँवला एक प्राकृतिक हेयर टॉनिक है। यह बालो को झड़ने से ,रूसी से बचाता है बालो मजबूत, लम्बे और चमकदार बनाता है।
- आंवले का नियमित सेवन से आँखों के स्वस्थ्य में सुधार होता है साथ ही मोतियाबिंद की समस्या में रहत प्रदान करता है। आंवले का जूस और शहद मिलाकर पीना आँखों के लिए फायदेमंद होता है।
- अगर अपने दाँत मजबूत बनाना चाहते है तो रोज आंवले का सेवन करे। आँवला दांतो में कीड़े लगने से रोकता है और आंवले में विटामिन C होता है, जो दांतो के स्वस्थ्य के लिए अच्छा होता है।
- आँवला हृदय के लिए फायदेमंद माना जाता है उच्च कोलेस्ट्रॉल दिल की बीमारी का कारण होता है आँवला ख़राब कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाकर धमनी के अवरोध को कम करता है, इस प्रकार आँवला उच्च रक्त चाप कम करता है।
- यदि हमारे शरीर में लिवर ठीक से काम न करे तो बहुत गंभीर बीमारिया हमें घेर लेती है लेकिन आंवले के नियमित सेवन से लिवर को स्वस्थ रखा जा सकता है।
- एक अच्छी पाचन शक्ति स्वस्थ शरीर के लिए आवस्यक है। आँवला में फाइबर और पानी अच्छी मात्रा में होता है, साथ में इसमें एंटी इंफ्लामेन्ट्री गुण भी पाए जाते है। फाइबर गेस्ट्रिक और पाचक रास के स्राव के लिए आवश्यक है। इस प्रकार आँवला पाचन क्रिया में मदद करता है।
- आँवला में कैल्शियम अच्छी मात्रा में पाया जाता है और आँवला में वातनिरोधक गुड़ पाए जाते है। आँवला के नियमित उपयोग से जोड़ो के दर्द से मुक्ति मिलती है और हड्डिया मजबूत होती है।
- आँवला दाग, मुहासे झुर्रियों को दूर करने में सहायता करता है। आँवला विटामिन स , एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी एजिंग और एंटी बैक्टीरियल गुण से भरपूर है, इसलिए यह स्वास्त्य और चमकती हुई त्वचा प्रदान करने में उपयोगी है।
- आंवले का रस मेटाबोलिक एक्टिविटी में सुधार लाता है और अधिक फैट को घटाता है। अधिक मेटाबोलिक एक्टिविटी में ज्यादा कैलोरी use होती है इस प्रकार आँवला वजन घटने में लाभकारी है।
- आँवला स्वाभाविक रूप से इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है और रोगो से लड़ने के लिए पर्याप्त छमता प्रदान करता है। आँवला में विटामिन C , जीवाडुरोधी ,अस्ट्रिन्जन्ट गुण के कारण सर्दी , फ्लू , खांसी जैसी साधारण बीमारियों के संक्रमण से बचाता है।
- आंवले का जूस पीने से खून साफ होता है और रक्त के विकार दूर करता है। यह हीमोग्लोबिन और लाल रक्त कोशिकाओं को बढ़ता है, इस प्रकार एनिमिक होने से बचाता है।
- आंवले में पोटेशियम अच्छी मात्रा में होता है जो नेर्वेस सिस्टम में मजबूत करके परिसंचरण में सुधार करता है इस प्रकार तंत्रिका तंत्र और नसों को स्वस्थ्य रखता है।
- आँवला गले को भी स्वस्थ्य रखने में सहायक है। आंवले के रस को अदरक और शहद के साथ लेने से खांसी और गले की समस्या में आराम मिलता है।
- आँवला में विटामिन और मिनिरल्स अच्छी मात्रा में होते है जो मस्तिष्क के स्वस्थ्य के लिए महत्पूर्ण है। स्मरण शक्ति और एकाग्रता को सुधरता है इसके लिए आंवले का कच्चा फल खाये।
- डायबिटीज की समस्या से पीड़ित व्यक्ति भी आंवला का उपयोग कर इस समस्या में राहत पा सकते हैं।
आँवला के नुकसान :-
- आँवला ठंडा होने की वजह से सर्दी और खांसी को और बढ़ा सकता है इसलिए शहद और काली मिर्च के साथ इसका प्रयोग करे।
- आँवला त्वचा की नमी कम कर सकता है इसलिए आंवले के साथ ज्यादा पानी ले।
- प्रेग्नेंट वीमेन की पाचन शक्ति पर असर डाल सकता है ।
- ज्यादा और लम्बे समय तक सेवन करने से पथरी हो सकती है।
- अधिक मात्रा में आंवले का सेवन पेशाब में जलन जलन पैदा कर सकता है।
- उच्च फाइबर होने की वजह से डायरिया हो सकता है ।
आंवले के इन नुकसान को जानते हुए आंवले का सेवन सिमित मात्रा में करे और हृदय रोगी सेवन से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य ले । एक स्वस्थ्य आदमी २-३ आंवले रोज ले सकता है या एक चम्मच आंवले का जूस का सेवन कर सकता है। खाली पेट इसका सेवन करना चाहिए और खट्टा होने की वजह से दूध के साथ इसका प्रयोग हानिकारक हो सकता है।
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आंवले को आप अचार बनाकर , मुरब्बा बनाकर, यूज़ कर सकते है। आंवले का पाउडर और जूस बनाकर भी इसे प्रयोग में लाया जाता है।
यह लेख केवल एक सामान्य जानकारी प्रदान करता है अधिक जानकारी के लिए किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। इस लेख को पूरा पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद्। लेख पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों और फॅमिली के साथ शेयर कीजिये।